रे मन कृष्ण नाम कही लीजे | (२)
गुरु के बचन अटल करी मानो (२)
साधु समागम कीजे ||
रे मन कृष्ण नाम कही लीजे | (२)
पढ़िये गुनिये भगति भागवत
और कहा कथि कीजे || (२)
कृष्णनाम बिनु जनमु बादिही (२)
बिरथा काहे कीजे ||
रे मन कृष्ण नाम कही लीजे | (२)
कृष्णनाम रस बह्यो जात है
कृष्णनाम रस बह्यो जात है
तृषावन्त है पीजे || (२)
सूरदास हरीसरन ताकिये (२)
जनम सफल कर लीजे
रे मन कृष्ण नाम कही लीजे | (२)
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